Wheat Price: बीते सप्ताह केंद्र सरकार के खुले बाजार में 3 मिलियन टन गेहूं बेचने के निर्णय से गेहूं की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई थी. लेकिन इस सप्ताह एक बार फिर से गेहूं के दाम आसमान छूने लगे हैं. इसके पीछे की वजह मानी जा रही है मांग के हिसाब से गेहूं की कमजोर आपूर्ति. कारोबारियों के मुताबिक जब तक गेहूं बड़ी मात्रा में नहीं उतारा जाता है तब तक गेहूं की कीमतों में गिरावट संभव नहीं होगी.
इस हफ्ते गेहूं की कीमत में आई तेजी, पिछले सप्ताह हुई थी गिरावट:
पिछले सप्ताह केंद्र सरकार के तीन मिलियन टन गेहूं बेचने के निर्णय से गेहूं की कीमत में गिरावट देखने को मिली थी. गिरावट के बाद गेहूं के दाम 500-600 रुपये तक गिर गए थे. इसके बाद दिल्ली लॉरेंस रोड राजस्थान गेहूं की कीमत 2650 रुपये प्रति क्विंटल तक चली गई थी. लेकिन इस सप्ताह गेहूं की कीमत में बढ़ोतरी देखने को मिली है. गेहूं की कीमत में 250 रुपये प्रति क्विंटल तक की तेजी देखने को मिल रही है. इसके बाद इस हफ्ते दिल्ली लॉरेंस रोड राजस्थान गेहूं 2900 रूपये क्विंटल तक चले गई है.
माना जा रहा है कि मांग के मुताबिक गेहूं की उपलब्धता काफी कम होने से गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. कारोबारियों की मानें तो जब तक बड़ी मात्रा में गेहूं नहीं उतारा जाता तब तक गेहूं की कीमतों में गिरावट देखना संभव नहीं है.
गेहूं के खुदरा भाव में बदलाव नहीं:
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस सप्ताह गेहूं के कीमतों में तेजी के बाद भी गेहूं के थोक भाव खुले बाजार में बिक्री के फैसले से पहले के भाव से ₹300 प्रति क्विंटल तक कम चल रहे हैं. लेकिन थोक भाव घटने के बावजूद खुदरा कीमत में खास बदलाव नहीं आया है. 25 जनवरी को गेंहू की खुदरा कीमत 33.33 रुपये प्रति किलो थी. वहीं, 30 जनवरी को यह 33.33 रुपये दर्ज की गई. खुदरा कीमत में बदला देखने को नहीं मिला, ऐसे में फिलहाल बाजार में अनिश्चितता का माहौल देखने को मिल रहा है. इस दौरान देशभर में आटे की कीमत की बात करें तो इसकी औसत कीमत करीब ₹38 प्रति किलो पर स्थिर बनी हुई है.