हरियाणा के इस गांव में लड़कों से ज्यादा लड़कियां, कबड्डी से लेकर शिक्षा तक अव्वल

पानीपत| औद्योगिक नगरी पानीपत से 12 किलोमीटर दूर स्थित बुडशाम नामक गांव बसा हुआ है. आपको बता दें कि इस गांव में शहजाादो से ज्यादा परियां है. इस गांव में लड़कियों के जन्म पर न केवल कुआं पूजा जाता है बल्कि हर साल लड़कियों के जन्मदिन पर के काटने के साथ जशन भी मनाया जाता है. यहां के लोग बेटे तथा बेटियों में कोई भी अंतर नहीं समझते हैं. इसी कारण की वजह से इस गांव की लड़कियां खेलों से लेकर शिक्षा के क्षेत्र आगे बढ़कर नाम कमा रही है तथा अपने गांव का नाम भी रोशन कर रही है. पिछले वर्ष 2020 के लिंगानुपात की बात करें तो यह गांव पानीपत जिले में सबसे ऊपर रहा है. इस गांव में 1000 लड़कों पर 1281 लड़कियां है. अच्छी बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने इस गांव का नाम स्टेट अवार्ड के लिए भेज दिया है.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान हरियाणा के पानीपत जिले से शुरू किया था. इस अभियान से लोगों के ऊपर एक छाप छोड़ी गई थी, जिससे लिंगानुपात में काफी हद तक सुधार हुआ है. आंकड़ों की बात करें तो साल 2016 में अनुपात 912 तथा साल 2020 में यह बढ़कर 943 हो गया.

भाई से ज्यादा मुझे मौका:
कबड्डी खेल में जिले स्तर से लेकर नेशनल स्तर पर जीतकर गांव तथा जिले का नाम रोशन करने वाली प्रियंका गुलिया ने बताया है कि मेरे दो भाई हैं. मेरे पिता मोटर मैकेनिक का काम करते हैं, उन्होंने कभी लड़कों और लड़कियों में कोई अंतर नहीं समझा है. बल्कि मेरे भाई से ज्यादा मौके मुझे दिए गए हैं. कोई भी परिस्थिति हो हमेशा मेरे साथ खड़े रहते हैं. मुझे कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होने दी. – प्रियंका (इस गांव की लड़की)

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का असर:
गांव की निर्वतमान सरपंच पूनम ने कहा है कि यह सारा असर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का असर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाए गए इस अभियान ने लोगों की सोच को ही बदल दिया है. आज लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से पीछे नहीं है.– सरपंच पूनम

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