Vande Bharat Train: अब वंदे भारत में मिलेगी सोने के लिए खास जगह, इन यात्रियों को होगा सीधा फायदा

नई दिल्ली।Vande Bharat Train ट्रेन में तो सभी यात्री यात्रा करते होंगे. वंदे ट्रेन में यात्रा करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. भारत की सबसे तेज चलने वाली बंदे ट्रेन में स्लीपर कोच की सुविधा को जोड़ा जाएगा. रेलवे मंत्री ने इसे खुशखबरी की घोषणा की है.

स्लीपर कोच की सुविधा को जोड़ने से रेवेन्यू में भी बहुत फायदा मिलेगा. पैसेंजर कम समय में अपने स्टेशन पर पहुंच जाएगा. ट्रेन की स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा ही रहेगी.

यात्रियों को दी जा रही सुविधा को बढ़ाया:

रेलवे डिपार्टमेंट अपने यात्रियों की सुविधा के लिए काम करता रहता है. वंदे ट्रेन में फिलहाल केवल सीटर की सुविधा भी दी जाती थी. रेलवे डिपार्टमेंट में स्लीपर सुविधा को ट्रेन में लाने के लिए छोटा सा डेमू लिया था. वह डेमों सफल हुआ. अब रेलवे डिपार्टमेंट स्लीपर सुविधा को वंदे ट्रेन में लाने जा रही है जिससे उनके पैसेंजर्स को और भी अच्छी सुविधा मिले.

इस सुविधा को लाने से रेलवे डिपार्टमेंट को भी बहुत फायदा होगा. रेलवे लंबे रूट्स के लिए पैसेंजर को स्लीपर सुविधा देने की तैयारी कर रही है.

बड़े-बड़े शहरों में चल रही है वंदे ट्रेन.

फिलहाल यह ट्रेन महाराष्ट्र, हरियाणा , रायबरेली और चेन्नई में ही चल रही है. भारतीय रेलवे जल्द ही मिनी वंदे भारत रेलवे को चलाने की तैयारी में जुटी हुई है. इसमें केवल 8 कोच ही होंगे, वंदे भारत ट्रेन के मुकाबले यह आधी संख्या है.

मिनी ट्रेन को चलाने की योजना:

वंदे भारत ट्रेन में 16 कोच होते हैं और यह 16 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन देश के बड़े-बड़े शहरों में चलती है. इस में यात्रा करते समय केवल 6 से 7 घंटे का समय लगता है. मिनी ट्रेन को चलाने का मकसद सरकार का यह है कि कम दूरी पर चलाया जाए, और चार से 5 घंटे की यात्रा में यात्री अपनी जगह पर पहुंच जाए. रेलवे इन मिनी ट्रेन को छोटे शहरों में चलाने की तैयारी में है जहां पर पैसेंजर की संख्या कम है. उदाहरण के लिए अमृतसर से जम्मू, कानपुर से झांसी और नागपुर से पुणे.

इन रूट्स पर मिलेगी स्लीपर सुविधा:

सबसे पहले तो रेलवे दिल्ली से कानपुर और वाराणसी से दिल्ली की यात्रा में स्लीपर सुविधा को चलाने की तैयारी कर रही है. रेलवे की मॉनिटरिंग कंपनी इसकी पूरी तैयारी कर रही है. वंदे ट्रेन के साथ-साथ शताब्दी ट्रेन में भी सीटर सुविधा के साथ-साथ और सुविधा को सुधारने की तैयारी चल रही है. और शताब्दी ट्रेन के लिए केवल उसी रूट्स को फाइनल किया जाएगा जहां पर यात्रियों की संख्या अधिक है.