Apple : फेसबुक की कंपनी मेटा ने जानकारी दी है कि एपल के एक प्राइवेसी फीचर की वजह से उनकी कंपनी को 10 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं इस फीचर के बारे में।
नई दिल्ली। स्मार्टफोन और सोशल मीडिया आज के समय के दो ऐसे बाजार हैं जिनसे कोई अनजान नहीं है। फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की पैरेंट कंपनी मेटा ने जानकारी दी है कि उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक को एपल की वजह से 10 अरब डॉलर का नुकसान होगा। आइए इस मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।
एपल की वजह से फेसबुक को हुआ नुकसान
बुधवार 2 फरवरी 2022 को फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने जानकारी दी है कि एपल के प्राइवेसी में बदलाव से उन्हें काफी नुकसान हुआ है। मेटा का कहना है कि आईओएस के प्राइवेसी में बदलाव से फेसबुक की कंपनी को 10 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। मेटा के सीएफओ डेव वेनर का कहना है कि आईओएस का इस साल उनकी कंपनी के कारोबार पर भारी असर पड़ेगा।
कंपनी इस तरह हुई
मेटा के सीएफओ का कहना है कि उनकी कंपनी ने 10 अरब डॉलर के नुकसान का अनुमान लगाया है और इस जानकारी को जारी करने के बाद मेटा के शेयरों में 23% तक की गिरावट देखी गई। नुकसान का श्रेय Apple के ऐप ट्रैकिंग ट्रांसपेरेंसी फीचर को दिया जा रहा है, जिसका विज्ञापन उद्योग पर भारी प्रभाव पड़ा है।
ऐप्पल की ऐप ट्रैकिंग पारदर्शिता सुविधा
अगर आप सोच रहे हैं कि ऐपल के ट्रांसपेरेंसी फीचर को ट्रैक करने वाला यह ऐप क्या है तो आपको बता दें कि एपल का यह फीचर अपने यूजर्स को अपने डेटा पर ज्यादा कंट्रोल देता है। यह फीचर सबसे पहले पिछले साल लॉन्च हुए आईओएस 14.5 कर्जन में जारी किया गया था और अब यह फीचर आईओएस 15 में भी मौजूद है। आपको बता दें कि लगभग 72% आधुनिक आईफोन इस फीचर पर काम करते हैं।
कैसे काम करता है यह फीचर
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि एपल के इस फीचर का इस्तेमाल कर आईफोन यूजर्स किसी भी एप पर आने वाले ऑनलाइन विज्ञापनों से छुटकारा पा सकते हैं. इस सुविधा के कारण, यदि आप अपने iPhone पर कोई ऐप खोलते हैं, तो आपकी स्क्रीन पर एक पॉप-अप दिखाई देगा जिसमें पूछा जाएगा कि आप ऐप को ट्रैक करने की अनुमति देते हैं या नहीं। यदि आप नहीं चुनते हैं, तो ऐप डेवलपर आईडीएफए तक नहीं पहुंच पाएंगे और विज्ञापन ऑनलाइन प्रदर्शित नहीं कर पाएंगे।
एपल के इस फीचर से एड इंडस्ट्री काफी नाराज है, कई ऑनलाइन विज्ञापन कंपनियों ने इसका विरोध किया और फेसबुक ने इस फीचर के खिलाफ एक मार्केटिंग कैंपेन भी चलाया, जिसमें कंपनी ने कहा कि यह बदलाव प्राइवेसी के लिए नहीं बल्कि फायदे के लिए किया जा रहा है. है।