जाटी कला गांव के हर तीसरे घर में बुखार का मरीज, मात्र 8 दिनों में 16 लोगों की मौत

 

गांव जाति कला में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट से पता चला है कि हर तीसरे घर में बुखार से पीड़ित मरीज है। इस गांव में अब तक मात्र 8 दिनों में 16 लोगों की मौत हो चुकी है।

हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव जाटी कला में कोरोना पूरी तरह से पैर पसार चुका है। इस गांव में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि इस गांव के हर तीसरे घर में बुखार से पीड़ित एक मरीज देखने को मिल रहा है। पिछले 8 दिनों में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। जिन भी लोगों की मौत हुई है उनमें कोरोना के लक्षण सामने आए हैं। गुरुवार को मीडिया टीम जब रिपोर्टिंग के लिए गांव पहुंचे तो गांव में सन्नाटा छाया हुआ था।

 

गांव में आठ हजार के आसपास की आबादी है। पूरे गांव में डर का माहौल बना हुआ है। किस बीमारी के कारण गांव के लोग अपने घरों में ही रहते हैं। इन्होंने एक दूसरे से मिलना जुलना बंद कर दिया है। स्वास्थ्य कर्मी टीम इस गांव के लोगों का हालचाल जानने के लिए गांव में आती रहती है। परंतु गांव में हर दूसरे दिन एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। सीएचसी बड़खालसा की सीनियर चिकित्सक डॉक्टर चितवन ने बताया है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम नए गांव पर विशेष ध्यान दिया हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की टीम तेजी से गांव के मरीजों को ठीक करने में जुटी हुई है।

झज्जर : 22 गांवों में तेजी से फैला कोरोना

आपको बता दें कि झज्जर जिले के 22 गांव में कोरोनावायरस मरीजों की संख्या पिछले 1 सप्ताह में बहुत तेजी से बढ़ रही है। झाड़ली, बाजितपुर व बेरी में माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाया गया है। पिछले 1 सप्ताह में 2271 मामले सामने आए हैं। जिनमें से 1431 मामले ग्रामीण इलाके से है। गांवों में टेस्टिंग की स्पीड बहुत कम है। अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 37 शवों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल से किया गया है।

हिसार : बहबलपुर मैं 16 लोगों की मौत

बहबलपुर गांव में अब तक 16 लोग कोरोना महामारी का शिकार हो चुके हैं। बुधवार को तीन लोगों की मौत तथा गुरुवार को एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है। बहबलपुर गांव के सरपंच भजनलाल ने बताया है कि यहां के लोग इस बीमारी से डर कर अपने घरों में दुबके हुए हैं। गांव में बुखार का प्रकोप बहुत ज्यादा है। आपको बता दें कि अभी तक इन मौतों की वजह का पता नहीं चल पाया है। पड़ोसी गांव में स्थित दासु पीएचसी ने गंभीर मरीजों के इलाज की व्यवस्था नहीं है।

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