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हरियाणा के जिले कैथल से एक शर्मनाक घटना का पता चला है । कैथल के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर की दादागिरी ,मनमर्जी, और शर्मनाक रवैया का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें पता चला है कि डॉक्टर सबसे पहले 8 साल के बच्चे का इलाज करने से मना कर देता है और पर्ची को भी फेंक देता है और डॉक्टर बच्चे के परिजनों से बदतमीजी करता हुआ नजर आता है और उन्हें केबिन से धक्का मारते हुए बाहर निकालता है । और फिर उन पर थप्पड़ की बरसात करता है ।आपको बता दें, कि 20 अगस्त को हुई यह संपूर्ण घटना अस्पताल के सीसीटीवी कैमरा में कैद हो गई है ।
आपको बता दें , कि घटना का 1:09 मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी अधिक वायरल हो रहा है । बच्चे के पिता ने सीएमओ और डीसी प्रदीप दहिया को शिकायत भी दी है। बता दें , कि रजनी कॉलोनी निवासी रोहताश कुमार का 8 वर्षीय बच्चा स्कूल से गिर गया था । स्कूल से खबर मिलते ही पिता बच्चे को लेकर सिविल अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचे इमरजेंसी में स्टाफ ने पट्टी तो कर दी परंतु खून बहता रहा ।
बता दें कि बच्चा हीमोफीलिया बीमारी से पीड़ित है । अक्सर यह दिक्कत आ जाती है और ऐसी स्थिति में बच्चे को फैक्टर 8 इंजेक्शन दिया जाता है । इसी इंजेक्शन की गुहार लेकर वह इमरजेंसी में तैनात ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश मित्तल के पास पहुंचा था । लेकिन उन्होंने इंजेक्शन लगाने से साफ इंकार कर दिया और जब बच्चे के पिता ने 112 पर फोन मिलाया । तो उसे फोन छीन लिया और फोन जमीन पर पटक मारा । साथ ही बच्चे और उसके पिता के साथ बहुत ही अभद्र व्यवहार किया । और गालियां भी दी इस दौरान डॉक्टर ने बच्चे को भी गिरा दिया था ।
सीएमओ के पास शिकायत ले जाने के कारण डॉक्टर ने बच्चे को धमकाया
डॉक्टर के इस अभद्र व्यवहार के कारण और फोन तोड़ने और गाली गलौज के बात जब डॉक्टर की शिकायत लेकर पीड़ित बच्चे के साथ पिता रोहतास सीएमओ डॉ शैलेंद्र ममगाई शैली के पास शिकायत लेकर पहुंचे । तो पीछे से डॉक्टर ने बच्चे को धमकाया । पिता ने अपनी शिकायत में यह बताया है कि डॉक्टर ने बच्चे बच्चे के साथ गंदी भाषा में बात करने के साथ-साथ किसी को भी कुछ बताने पर सुई चुभा देने की धमकी दी । रोहतास का कहना है कि बच्चे ने अपने बयान डीसी के सामने भी दिए हैं । ऐसे डॉक्टर पर तुरंत कार्यवाही की जानी चाहिए । जब तक जांच होगी इसको तुरंत प्रभाव सस्पेंड किया जाए ।
सिविल अस्पताल में इंजेक्शन लगवाना है मजबूरी
आपको बता दें , कि बच्चे के पिता रोहताश ने बताया है कि बच्चा जन्म से ही हीमोफीलिया बीमारी से पीड़ित है । चोट लगने की स्थिति में सिर्फ फैक्टर 8 इंजेक्शन लगने से ही उसका खून बहने से रोकता है । अगर इंजेक्शन नहीं दिया जाएगा तो उसकी जान भी जा सकती है । उन्होंने लिखित में दे कर सारी जिम्मेदारी भी ले ली थी । लेकिन उसके बाद भी इंजेक्शन नहीं दिया । बाहर इस इंजेक्शन की कीमत करीब ₹8000 तक है । लेकिन सरकारी अस्पताल में यह इंजेक्शन मुफ्त में लगाया जाता है । इसलिए उनकी मजबूरी है कि वह यह इंजेक्शन सरकारी हस्पताल में ही लगवाएं ।