छठी से आठवीं तक के स्कूल 23 जुलाई से खोले जाएंगे, कैसे होगी पढ़ाई, स्टूडेंट बिना यूनिफार्म व किताबों के पहुंचेंगे👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻

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शिक्षा विभाग ने भले ही छठी से आठवीं तक के स्कूलों को खोलने की मंजूरी दे दी है । लेकिन शिक्षा विभाग की कमजोर तैयारियों से अभिभावकों के दिल में कड़ा रोष है । सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले ज्यादातर विद्यार्थियों के पास ना तो पढ़ने के लिए किताबें हैं और ना ही बच्चों के खातों में किताब खरीदने के लिए पैसे डाले गए हैं ।

आज स्कूल खुलने के केवल 2 दिन ही बाकी रह गए हैं । लेकिन अधिकारियों की माने तो विद्यालय शिक्षा निदेशालय की तरफ से अभी तक विद्यार्थियों के लिए खातों में किताबों ,यूनिफॉर्म, जूतों के लिए रुपए संबंधी कोई पत्र नहीं मिला है । आपको बता दें कि 16 जून से शिक्षा विभाग की ओर से ऑनलाइन मोड के माध्यम से स्कूल शिक्षकों को क्लास लगाने के निर्देश दिए गए थे । लेकिन मुद्दा यह था, कि बच्चों के पास किताब नहीं थी तो वह अपनी पढ़ाई जारी कैसे रख सकते हैं । ज्यादातर विद्यार्थी अपने सीनियर्स की किताबे लेकर पढ़ रहे हैं ।

Haryana schools to reopen from July 16 for classes 9-12, July 23 for  classes 6-8 | Education - Hindustan Times

विभाग की ओर से नहीं मांगा गया स्कूलों के लिए किताबों का टेंडर

आपको बता दें कि शिक्षा विभाग स्कूल में दी जाने वाली किताबों का टेंडर हर वर्ष फरवरी या मार्च तक लेता है । लेकिन साढे तीन माह बाद तक भी विभाग द्वारा किताबों का टेंडर जारी नहीं किया गया है । स्कूल मुखिया के मुताबिक पुराने बच्चों की किताबों को सम्मिट कर लिया गया है । लेकिन कुछ किताबें अत्यधिक पुरानी होने के कारण इस्तेमाल में नहीं लाई जा सकती ।

ना तो जूते ड्रेस के रुपए मिले ना किताबों के

सत्र 2020-21 में भी विद्यार्थियों को ना तो जूते ,ड्रेस की पेमेंट खाते में आई । और ना ही किताबें मिली। हालांकि अधिकारी गत सत्र में कॉविड के चलते ऑनलाइन स्टडी का हवाला दे रहे हैं । लेकिन इस बार स्कूल शुरू होने वाले हैं ऐसे में स्कूलों में 70 फ़ीसदी विद्यार्थी बिना जूते ,ड्रेस और किताबों के पहुंचेंगे । क्योंकि नया दाखिला लेने वालों के पास ना ही किताबें होंगी और ना ही जूते ड्रेस ।

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