आपको बता दें, कि किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अगर सांसदों द्वारा किसानों के हक में संसद के भीतर आवाज नहीं उठाई जाएगी । तो चाहे वह किसी भी दल के क्यों ना हो । उनके क्षेत्र में उनका कड़ा विरोध किया जाएगा । राकेश टिकैत का कहना है कि सांसदों को करना चाहिए कि वह देश के अन्नदाता की मांग देश की सबसे बड़ी पंचायत पार्लिमेंट में उठाएं । और देश की सरकार को इस बात पर विवश कर दें कि वह अपने कानूनों को वापस ले ले ।
आपको बता दें , कि दिल्ली की सीमा पर पिछले कई महीनों से डटे आंदोलनकारी किसान भाई गुरुवार को जंतर-मंतर पहुंचे । संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में यहां पर किसान संसद बैठी है । इसकी शुरुआत आंदोलन के दौरान मारे गए किसान भाइयों को श्रद्धांजलि देकर हुई । हन्नान मोल्लाह को संसद का अध्यक्ष बनाया गया और मनजीत सिंह राय को डिप्टी स्पीकर स्वीकार किया गया । जंतर मंतर पर पहुंचे राकेश टिकैत ने सांसदों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सांसद संसद के भीतर किसानों की आवाज नहीं उठाएंगे । तो वह किसी भी दल के क्यों ना हो उनकी उनके क्षेत्र में कड़ी आलोचना की जाएगी ।
राकेश टिकैत का कहना है कि यह सरकार कुछ ज्यादा ही सख्ती दिखा रही है । उनका कहना है कि देश की जनता को इतनी ताकत भी किसी के हाथों में नहीं देनी चाहिए । कि वह मनमानी पर उतर आए और बेलगाम हो जाए । राकेश टिकैत के मुताबिक जब गांव में भैंसे के पास ज्यादा ताकत आती है । तो वह जिस जगह खाना खाता है सबसे पहले उसे उड़ा देता है । उनका कहना है कि सरकार इसी तर्ज पर काम कर रही है कि जिन व्यक्तियों ने उन्हें वोट दिया है वे उन्हें ही कुचल कर मार रही है ।
गौरतलब है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की संस्तुति के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने ज्यादा से ज्यादा दोस्तों किसानों को 9 अगस्त तक जंतर मंतर पर आंदोलन करने की अनुमति प्रदान की है । आपको बता दें कि यहां पर सुबह 11:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक आंदोलन चलेगा ।
किसानों का कहना है कि किसान संसद में आज एपीएमसी पर चर्चा हुई। उनका कहना है कि हम तीनों काले कानूनों को अपनी संसद में खारिज करेंगे। उसके बाद अपील करेंगे कि किसानों की बात मान भारत की संसद भी तीनों कानून खारिज करे। उधर, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर का कहना है कि देश ने देखा है कि ये कृषि कानून किसानों के लिए फायदेमंद हैं। हमने इन कानूनों को लेकर चर्चा की है। किसान चाहें तो सरकार उनके बात कर सकती है।