हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा नगर निगम को दिए आदेश के तहत नगर निगम वालों ने गांव झूरीवाला में भले ही 13.24 एकड़ जमीन पर डंपिंग ग्राउंड बनाकर पूर्ण शहर का कूड़ा कचरा वहां पर फेंकना शुरू कर दिया हो । परंतु नगर निगम की आधी अधूरी तैयारी के कारण वहां की स्थानीय जनता पर और उनकी सेहत पर इसका बुरा असर पड़ सकता है । आपको बता दें , कि अगर नगर निगम ने अगर जल्द ही सॉलि़ड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाया तो वहां के हाल दिल्ली चंडीगढ़ के डंपिंग ग्राउंड जैसे हो जाएगे । आपको बता दें कि सफाई कर्मचारी हर रोज लगभग 150 टन कूड़ा उठाकर इस डंपिंग ग्राउंड में डंप कर रहे हैं । और वर्तमान में हालात कुछ इस प्रकार हैं कि यह कूड़ा पंचकूला यमुनानगर हाईवे से अच्छी तरह से देखने को मिल रहा है और साथ-साथ यहां से गुजरने वालों को इसकी बदबू और गंदगी का सामना भी करना पड़ रहा है । सेक्टर 25 आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी डंपिंग ग्राउंड का कड़ा विरोध कर रहे हैं और वह इस मामले को लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट जाने की तैयारी में जुट गए हैं ।
सूचित कर दें , कि मेयर कुलभूषण गोयल ने शहर की सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद करने के लिए सैनिटेशन कमेटी का गठन भी कर दिया है । और इसके सदस्य पार्षद राकेश वाल्मीकि , पार्षद परमजीत कौर , पार्षद ऊषारानी , पार्षद राजेश कुमार, जी हैं और इनमें से पार्षद राजेश कुमार और पार्षद उषा रानी ने 6 अगस्त को झूरीवाला डंपिंग ग्राउंड का निरीक्षण भी किया था । इस दौरान इन दोनों पार्षदों ने पाया है कि झुरीवाला में कूड़ा आधी अधूरी तैयारी के बीच ही गिराया जा रहा है । इस कारण यहां पर रहने वाले लोगों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । कमेटी के इन दोनों पार्षदों ने निरीक्षण के बाद यह भी बताया है कि डंपिंग ग्राउंड के कूड़े से जंगल के साथ पर्यावरण को भी बहुत अधिक नुकसान हो रहा है । इसके लिए सॉलि़ड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट लगाना आवश्यक है ।
फ्रांस की कंपनी द्वारा लगाया जाने वाला था प्लांट
आपको बता दें , कि झूरीवाला डंपिंग ग्राउंड में इस कूड़े से निजात पाने के लिए कूड़े का निष्पादन करने के लिए फ्रांस की इकोस एनवायरनमेंट एवं मिल्हेम इकोस मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने सॉलि़ड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट लगाना था। और इसके लिए 65 करोड का टेंडर भी पिछले साल अलॉट किया गया था । परंतु जर्मनी ने फ्रांस की इस कंपनी को अब खरीद लिया है । और उसने झुरीवाला में प्लांट लगाने से मना कर दिया है और इसके बाद नगर निगम के अधिकारियों ने दोबारा टेंडर प्रक्रिया की तैयारी शुरू की परंतु है । आज तक पूरा नहीं हो सका सॉलि़ड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट का टेंडर 5 साल से लटका हुआ है । जिससे झज्जर पार के अदर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।
रोजाना पहुंच रहा 150 टन कूड़ा कचरा
निगम के आंकड़ों के हिसाब से पंचकूला शहर से रोजाना 150 टन कूड़ा झूरीवाला डंपिंग ग्राउंड में पहुंच रहा है। डंपिंग ग्राउंड धीरे-धीरे एक पहाड़ का रूप ले रहा है। यदि यहां जल्द ही सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट न लगा तो शिवालिक की पहाड़ियों के साथ साथ बसे हुए पंचकूला जैसे हरे भरे शहर और इस की आबोहवा को यह डंपिंग ग्राउंड बदसूरत बना सकता है।
घग्गर पार के विकास में डंपिंग ग्राउंड बाधा
पंचकूला के पुराने सेक्टरों में जगह की उपलब्धता न होने के कारण घग्गर पार के सेक्टरों का विकास बहुत तेजी से हो रहा है। लेकिन, सेक्टर-23 डंपिंग ग्राउंड काला दाग साबित हो रहा था। इस दाग को मिटाने और तीन सेक्टरों के हजारों लोगों को परेशानी से निजात दिलाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने इसे झूरीवाला में शिफ्ट कर दिया, लेकिन सरकार का यह फैसला स्थानीय लोगों को रास नहीं आ रहा है। वह झूरीवाला डंपिंग ग्राउंड को किसी अन्य जगह शिफ्ट करने की मांग कर रहे हैं।