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बता दें, कि दुबई में चल रही एशियन जूनियर एंड यूथ बॉक्सिंग चैंपियनशिप में पंचकूला की बेटी प्रांजल ने स्वर्ण पदक जीता है । उन्होंने महज 5 साल के खेल करियर में चैंपियन बन गई है। बता दें , कि प्रांजल ने 4-1 से विजय हासिल की है । प्रांजल की सफलता में ताऊ देवीलाल खेल नर्सरी के बॉक्सिंग कोच वीरेंद्र डांगी का हाथ है । बता दें , कि महज 8 साल की उम्र से ही प्रांजल उनसे बॉक्सिंग के गुर सीख रही है ।

कोच वीरेंद्र द्वारा बताया गया है कि प्रांजल में एक गजब तरह की प्रतिभा है । 17 से 30 अगस्त तक दुबई में आयोजित चैंपियनशिप में अंडर-17 कैटेगरी के स्तर से 75 किलो भार वर्ग में प्रांजल ने स्वर्ण पदक हासिल किया । बता दें , कि इससे पहले सोनीपत में 25 से 31 जुलाई तक आयोजित नेशनल जूनियर हॉकी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर प्रांजल ने अपने इरादे जाहिर कर दिए थे । इसी प्रदर्शन के आधार पर एशियन गेम्स में उनका चयन हुआ था।
डांगी द्वारा बताया गया है कि प्रांजली प्रदर्शन जारी रखती है तो वह दिन दूर नहीं है जब प्रांजल ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक हासिल करेगी । प्रांजल के पिता संदीप कुमार सीआईडी में एएसआई के पद पर तैनात है । जबकि उनकी मां सुदेश गृहिणी है । पिता और मां सुबह 4:00 बजे उसे लेकर अभ्यास के लिए बॉक्सिंग रिंग में पहुंच जाते हैं ।
गले में पदक डाला तो गुरु की आंखों से छलके आंसू
वीरेंद्र डांगी द्वारा बताया गया है कि जुलाई 2021 में जूनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में प्रांजल के साथ मैं पानीपत गया था । मैं रिंग में लगातार उसका हौसला बढ़ाता रहा । यहां प्रांजल ने एकतरफा मुकाबला जीता अपने प्रतिद्वंदी को 5-0 से शिकस्त दी । प्रांजल ने रिंग से बाहर निकलते ही अपना पदक मेरे गले में डाल दिया और कहा कि यह आप ही की 5 साल की मेहनत का नतीजा है । उस समय मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था । मेरे आंखों से आंसू छलकने लगे । उसी समय प्रांजल ने मुझसे वादा किया कि वह एशियन गेम्स वह चैंपियन बनकर लौटेगी और उसने अपना यह वादा पूरा कर दिया है ।
2017 से नेशनल में लगातार गोल्डन पंच