PPF Tax Saving : पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी पीपीएफ निवेश का बहुत पुराना और भरोसेमंद साधन है, यह न सिर्फ अच्छा रिटर्न देता है बल्कि टैक्स बचाने में भी मदद करता है। यह ई-ई-ई श्रेणी में आने वाला निवेश है, यानी निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
पीपीएफ टैक्स सेविंग: पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ निवेश का बहुत पुराना और भरोसेमंद तरीका है, यह न सिर्फ अच्छा रिटर्न देता है बल्कि टैक्स बचाने में भी मदद करता है. यह ई-ई-ई श्रेणी में आने वाला निवेश है, यानी निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता है। पीपीएफ में सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है।
ऐसे होती है पीपीएफ में निवेश की सीमा दोगुनी
पीपीएफ में निवेशकों को न केवल सुनिश्चित रिटर्न मिलता है, बल्कि 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर आयकर की धारा 80सी के तहत आयकर छूट भी मिलती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पीपीएफ निवेश की सीमा खत्म होने के बाद भी निवेशक के पास पैसा बचा रहता है और वह निवेश के विकल्पों की तलाश में रहता है। टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर निवेशक शादीशुदा है तो वह अपनी पत्नी या पति के नाम से पीपीएफ अकाउंट खोल सकता है और उसमें अलग से 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकता है.
PPF में निवेश पर मिलते हैं ये फायदे
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अपने लाइफ पार्टनर के नाम पर PPF अकाउंट खोलने से निवेशक के PPF निवेश की लिमिट भी दोगुनी हो जाएगी, हालांकि तब भी इनकम टैक्स छूट की सीमा तब भी 1.5 लाख रुपये ही होगी. भले ही आपको इनकम टैक्स में छूट 1.5 लाख मिले, लेकिन इसके दूसरे कई फायदे हैं. PPF निवेश की लिमिट दोगुनी होकर 3 लाख रुपये हो जाती है. E-E-E कैटेगरी में आने की वजह से निवेशक को PPF के ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स छूट मिलती है.
क्लबिंग प्रावधानों का असर नहीं
इनकम टैक्स के सेक्शन 64 के तहत आपकी ओर से पत्नी को दी गई किसी राशि या गिफ्ट से हुई आय आपकी इनकम में जोड़ी जाएगी. हालांकि PPF के मामले में जो कि EEE की वजह से पूरी तरह से टैक्स फ्री है, क्लबिंग के प्रावधानों का कोई असर नहीं पड़ता है.
शादीशुदा लोगों के लिए ट्रिक
वहीं, जब आपके पार्टनर का पीपीएफ अकाउंट भविष्य में मैच्योर हो जाएगा, तो आपके पार्टनर के पीपीएफ अकाउंट में आपके शुरुआती निवेश से होने वाली आय साल दर साल आपकी आमदनी में जुड़ जाएगी। इसलिए, यह विकल्प विवाहित लोगों को पीपीएफ खाते में अपना योगदान दोगुना करने का मौका भी देता है।
यह उन लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प माना जाता है, जो कम जोखिम लेना चाहते हैं और एनपीएस, म्यूचुअल फंड जैसे बाजार से जुड़े निवेश नहीं करना चाहते हैं, जहां जोखिम उठाने की क्षमता अधिक है। आपको बता दें कि जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए पीपीएफ की ब्याज दर 7.1% तय की गई है।