NH152-D | नेशनल ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस हाईवे 152 डी का निर्माण लगभग 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है. यह नारनौल से लेकर कुरुक्षेत्र के इस्माईलाबाद तक बनाया जा रहा है. शेष 15 प्रतिशत कार्य में ब्रिज, क्रॉसिंग, टोल बूथ, तथा साइन बोर्ड का कार्य बचा हुआ है. इन सभी कामों को पूरा करने के लिए 24 घंटे कर्मचारी कार्य में लगे हुए हैं. प्राप्त सूत्रों के मुताबिक यह अगले 2 महीनों में इस हाइवे पर वाहन दौड़ सकेंगे.
मिली जानकारी के अनुसार नारनौल दक्षिण पश्चिम से लेकर कुरुक्षेत्र उत्तर पूर्व के गंगहेड़ी तक लगभग 200 किलोमीटर का यह नेशनल हाईवे फिलहाल के लिए 6 लाइन का बनाया गया है. अगर जरूरत पड़ती है तो इस नेशनल हाईवे को अपग्रेड भी किया जा सकता है. यह नेशनल हाईवे नारनौल बाईपास पर एनएच148-बी से जोड़ा जाएगा. इस हाईवे की मदद से जयपुर, नारनौल, अंबाला व चंडीगढ़ का सफर आसान हो जाएगा. आपको बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से इस हाईवे के लिए 5108 करोड रुपए का बजट निर्धारित किया गया था. इस हाइवे की चौड़ाई 70 मीटर निर्धारित की गई थी. साथ ही 122 ब्रिज व अंडर पास बनाए गए हैं. खास बात यह है कि यह हाईवे किसी भी शहर या गांव के बीच से नहीं निकाला गया है और इस हाइवे को बनाते समय यातायात व्यवस्था भी प्रभावित नहीं हो रही है.
यह हाईवे पूरा बनने के बाद 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक स्पीड वाले वाहन चालक के लिए चंडीगढ़ जाने में सुविधा होगी. नारनौल से इस्माईलाबाद तक का कार्य पूरा हो चुका है. लेकिन इस हाइवे पर फिलहाल वाहनों की एंट्री बैन है.
इन जिलों का होगा फायदा
यह हाईवे जिला कुरुक्षेत्र कैथल करनाल जींद रोहतक भिवानी चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ के लोगों को बहुत अधिक फायदा देगा. नारनौल बाईपास पर इस नेशनल हाईवे को एनएच 148-बी से जोड़ा जाएगा. इस नेशनल हाईवे को बनाने के पीछे की वजह प्रदेश का विकास तथा एनएच-1 के नोट को कम करना है.