Mother’s Day Specials | मां, सिर्फ एक शब्द या रिश्ता नहीं। मां तो एक हमारी हिम्मत है, हमारा हौसला है, हमारा भगवान है। मां के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। यूं तो मां की वजह से ही हर दिन है। लेकिन 8 मई का दिन मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है। आज मदर्स डे के मौके पर हम आपको एक मां के ज्जबे की कहानी बताने जा रहे हैं।
चंडीगढ़ में रहने वाली 51 वर्ष की सुमित्रा देवी दसवीं तक पढ़ी हैं। हरियाणा के रेवाड़ी जिले की मूल निवासी सुमित्रा ने कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया जो दूसरी माताओं के लिए भी प्रेरणा से कम नहीं है। कम पढ़ी लिखी होने के बावजूद सुमित्र ने अपनी बेटी को उस मुकाम तक पहुंचाया जो हर मां-बाप अपने बच्चों के लिए देखते हैं। कठिन परिस्थितियों में भी सुमित्र ने बेटी प्रीति के सपने के लिए वर्षों तक कई त्याग किए, लेकिन बेटी ने भी 2019 सिविल सर्विसेज एग्जाम में सफलता हासिल कर मां की मेहनत को साकार कर दिया।
बेटी को दिया पूरा सहयोग
सुमित्रा बताती हैं कि बेटियों को अगर परिवार को पूरा सहयोग मिले तो वह कुछ भी कर सकती हैं। बीते दिनों को याद करते हुई सुमित्रा ने कहा कि मेरा सपना था कि बेटी ऐसे मुकाम तक पहुंचे जो दूसरी बेटियों के लिए भी प्रेरणादायक हो। उन्होंने कहा कि बेटी के आइपीएस बनने तक का सफर आसान नहीं था, लेकिन वह बेटी को हर मुश्किल मोड़ पर हौसला देती थी। बेटी रात को घंटों तक पढ़ती तो मां सुमित्रा उसकी हर जरुरत का ख्याल रखती।
प्रीति शुरू से थी पढ़ाई में होशियार
बेटी प्रीति शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थी। इसलिए बेटी की प्रतिभा पर पूरा भरोसा था। चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज (जीसीजी-11) में प्रीति ने बीए में गोल्ड मेडल हासिल किया। पहले प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंची, लेकिन कुछ अंकों से रह गई। दूसरे प्रयास में प्रीति ने ऑल इंडिया 446वां रैंक हासिल कर आइपीएस बन गई। इन दिनों प्रीती यूपी के सहारनपुर में बतौर एएसपी तैनात है और वह अपने काम को लेकर खूब चर्चा में हैं।