कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दक्षिण रेलवे ने एक बड़ा फैसला लिया है. लोकल ट्रेनों में नो वैक्सीन, नो एंट्री की नीति लागू की गई है। वहां के यात्रियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि उन्हें कोरोना के दोनों टीके लगवाने होंगे।
नई दिल्ली: इंडियन रेलवे न्यूज: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रेलवे ने नई गाइडलाइन जारी की है. दरअसल, पिछले दो सालों में कोरोना वायरस की वजह से लोगों की जिंदगी में काफी बदलाव आया है. कोरोनावायरस के कारण लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में सरकार भी इसे लेकर सख्त है। एक बार फिर कोरोना वायरस ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है। इसे देखते हुए रेलवे ने एक बार फिर कोविड-19 की नई गाइड लाइन जारी की है।
रेलवे ने लिया बड़ा फैसला
देश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. तमाम राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर पाबंदियां लगा रही हैं. बढ़ते संक्रमण के चलते कई राज्यों में रात का कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। वहीं, कुछ राज्यों में रेलवे और अन्य यातायात से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत रेलवे ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है.
बिना टीकाकरण के नहीं मिलेगी ट्रेन में एंट्री
साउथ रेलवे लोकल ट्रेनों में सफर करने वालों के लिए नया नियम लेकर आया है. इसके तहत बिना कोरोना वैक्सीन के स्टेशन या ट्रेन में एंट्री नहीं दी जाएगी। लोकल ट्रेनों में ‘नो वैक्सीन, नो एंट्री’ की नीति लागू कर दी गई है। यानी यात्रियों के लिए वैक्सीन को अनिवार्य कर दिया गया है। यहां तक कि अगर किसी यात्री ने वहां एक भी डोज ले ली है तो उन्हें ट्रेन में यात्रा करने की एंट्री नहीं दी जाएगी।
दिखाना होगा वैक्सिनेशन का सर्टिफिकेट
रेलवे ने यह भी कहा है कि रेल यात्रियों के लिए कोरोना को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा. यात्रियों को यात्रा टिकट या मासिक सीजन टिकट (एमएसटी) जारी करते समय टीकाकरण का प्रमाण पत्र दिखाना भी अनिवार्य होगा। टिकट केवल उन्हीं को जारी किए जाएंगे जिनके पास टीकाकरण का प्रमाण पत्र होगा। दक्षिण रेलवे के इस कदम को देखते हुए इसी तरह के नियम अन्य जगहों पर भी लागू किए जा सकते हैं.