भिवानी | हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी की 10वी कक्षा में बिना परीक्षा दिए हुए हैं शत प्रतिशत बच्चे पास हो गए. जो विद्यार्थी पिछले कुछ दो-तीन सालों से फेल हो रहे थे. उनके लिए करोना किसी वरदान से कम नहीं है. हरियाणा बोर्ड के इस फैसले पर बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं है. बच्चों ने कहा कि अब वह पढ़ाई के साथ साथ नौकरी भी कर सकते हैं. बच्चों ने बोला कि दसवीं कक्षा की पढ़ाई उन्हे पहाड़ समान दिखाई देती थी. अब वे अपनी इच्छा अनुसार विषय लेकर अच्छी तरह से पढ़ सकेंगे.
हिसार के गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल जहाजपुल के प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार ने बताया कि उनके यह पर 10 बच्चे ऐसे हैं. जो पिछले दो-तीन साल से लगातार फैल हो रहे थे. अब बिना परीक्षा दिए हुवे वो बच्चे पास हो गए हैं.
अंग्रेजी, गणित में तीन बार उलझे अब बनी मेरिट :
रोहतक मॉडल टाउन स्थित स्कूल में रचना नाम की लड़की लगातार दो तीन बार फेल हो चुकी थी. उनके माता-पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं. चार भाई-बहनों में रचना सबसे बड़ी है तथा उसकी उम्र 19 साल की है. हर साल वह अंग्रेजी और गणित में फेल हो जाती थी.
पिछले साल जो कविड में तीन पेपर हुए थे. उसमे भी वह फेल हो गई थी. जिसमे मैथ और अंग्रेजी भी शामिल थे. मैथ और अंग्रेजी में फेल होने के कारण वह पिछले साल भी दसवीं कक्षा पास नहीं कर पाई थी. लेकिन अब की बार करोना ने उसे दूसरा मोका दे दिया जिसमे वह पास हो गई. अब वह 80 फसीद अंको से मेरिट में आ गई.
4 बार फेल होने के बाद अब आई मेरिट :
रोहतक में हिसार रोड स्थित एक राजकीय स्कूल में अबकी बार 250 लड़कियां पास हो गई. जिनमें से 15-16 लड़की ऐसे थी जो लगातार 3 साल से फेल हो रही थी. घर वाले भी इन्हें इसी उम्मीद से पढ़ा रहे थे किसी तरह यह दसवीं कक्षा में पास हो जाए और इनकी शादी कर दे. लेकिन अबकी बार तो दो लड़कियों के पास आखरी मौका था दसवीं कक्षा पास करने का. क्योंकि 20 साल से ज्यादा उम्र का बच्चा दसवीं के पेपर नहीं दे सकता है. इस बार ये सभी लड़कियां 89, 98, 85, 94, 86, 96 प्रतिशत अंको के साथ मेरिट में आ गई है.