हरियाणा: नए ‌DGP बनने की दौड़ में कौन है आगे, जानिए इस खबर में

चंडीगढ़| हरियाणा के अतिरिक्त गृह सचिव, गृह विभाग अर्थात प्रदेश के गृह सचिव द्वारा राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी ) कार्यालय को पत्र लिखकर तीन दिनों के भीतर उन योग्य आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा ) अधिकारियों के नाम भेजने को कहा गया है. जो प्रदेश का अगला डीजीपी तैनात होने के योग्य हैं अर्थात जिनकी 30 वर्षों की सेवा पूर्ण हो गई हो एवं वो एडीजीपी (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ) रैंक से नीचे के न हों.

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इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि वैसे तो वर्तमान में हरियाणा आईपीएस कैडर में सबसे सबसे वरिष्ठ 1984 बैच के आईपीएस एसएस देसवाल हैं, जो हालांकि सितम्बर, 2018 से केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर हैं. वह इस समय आईटीबीपी के डीजी हैं. उनके बाद 1986 बैच के केके सिंधु हैं ,जो इस समय हरियाणा पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन हैैं. परन्तु यह दोनों आईपीएस अधिकारी दो महीने बाद अगस्त, 2021 में आईपीएस से रिटायर हो जाएंगे. दोनों इस समय डीजीपी रैंक में ही हैं. चूँकि सुप्रीम कोर्ट के 2019 के आदेश अनुसार जिन आईपीएस अधिकारियों की न्यूनतम छः माह की सेवा शेष हो, केवल वही प्रदेश के डीजीपी अर्थात प्रदेश पुलिस प्रमुख के पद के लिए योग्य होंगे, इसलिए उक्त दोनों आईपीएस अधिकारी रेस से बाहर हो जाते हैं.

उपरोक्त दो के अतिरिक्त हरियाणा आईपीएस कैडर में 1988 बैच के पीके अग्रवाल, 1989 बैच के मोहम्मद अकील और आरसी मिश्रा एवं 1990 बैच के शत्रुजीत कपूर और देश राज सिंह हैं. हेमंत ने बताया कि 1991 बैच के आलोक कुमार रॉय और एसके जैन भी हालांकि आईपीएस में 30 वर्ष पूरी करने वाले हैं. परन्तु अभी इसमें कुछ समय शेष है जिस कारण अभी उन्हें राज्य सरकार द्वारा डीजीपी रैंक में प्रमोट नहीं किया गया है. इसलिए उनकी योग्यता नहीं बनती है.

उन्होंने बताया कि जनवरी, 2019 में भी जब हरियाणा सरकार द्वारा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएसीसी ) को योग्य आईपीएस अधिकारियों के नाम भेजे गए थे, तो उसमें केवल 1988 बैच तक के आईपीएस अधिकारी ही शामिल थे अर्थात जिनकी वास्तविक तौर पर आईपीएस में 30 वर्षो की सेवा पूर्ण हो चुकी थी. 1989 बैच के आईपीएस मोहम्मद अकील और आरसी मिश्रा का नाम उसमें नहीं था एवं वह दोनों गत वर्ष जून, 2020 में डीजीपी पद पर प्रमोट हुए. 1990 बैच के शत्रुजीत और देश राज सिंह को इसी वर्ष अप्रैल माह में डीजीपी रैंक में प्रमोट किया गया है. जुलाई, 2018 के सुप्रीम कोर्ट निर्देशानुसार यूपीएससी द्वारा योग्य आईपीएस अधिकारियों के बनाए पैनल में से ही राज्य सरकार अपनी पसंद का अधिकारी चुनकर उसे प्रदेश का डीजीपी तैनात कर सकती है, जिसका कार्यकाल न्यूनतम 2 वर्ष होता है.

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