हरियाणा का खरा सोना नीरज चोपड़ा का नाम फिर चमका, जीत लिया दुनिया का दिल

Neeraj Chopra| हरियाणा के पानीपत में रहने वाले नीरज चोपड़ा ने फिर से सबका दिल जीत लिया है. नीरज ने फिनलैंड में कुओर्ताने गेम्स में जैवलिन थ्रो में गोल्ड जीता है. बारिश होने के बावजूद भी नीरज ने अपने लक्ष्य से नहीं डगमगाए तथा यह साबित कर दिया कि वे खरा सोना है.

नीरज चोपड़ा ने 89.69 मीटर तक जैवलिन थ्रो करके ये उपाधि हासिल की है है तथा वे एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं तथा उन्होंने ये सिद्ध कर दिया कि अगर सपनों में जान हो तो परिस्थितियां को देख के हारना नहीं चाहिए.

24 Dec 1997 में हरियाणा के पानीपत में जन्मे नीरज अपने पहले ओलंपिक में गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया था तथा नीरज  का जैवलिन थ्रो जैसी game चुन्ना एक इत्तेफाक था क्योंकि बचपन में नीरज काफी मोटे थे तथा उनके मोटे पन को देखकर उनके परिवार वालों ने उनको ग्राउंड में भागने के लिए कहा ताकि वे फिट हो जाए. तथा जैसे-जैसे समय बीतता गया नीरज चोपड़ा का फिटनेस के प्रति लगाव बढ़ता गया.

इस तरह जिंदगी में आया था नया मोड़ :

2010 में नीरज के चाचा सुरेंद्र नीरज को अपने साथ शिवाजी स्टेडियम में लेकर आ गए थे क्योंकि बचपन में नीरज का वजन काफी ज्यादा था. 15 दिन अभ्यास किया तो उनका शरीर दर्द होने लग गया जिसकी शिकायत लेकर नीरज अपने माता पिता के पास गया परंतु उनके माता-पिता ने कहा कि जो करना होगा चाचा करेंगे. सीनियर जैवलिन थ्रो करने वाले जय वीर सिंह ने उनके हाथो में जैवलिन दे दी. फिर उन्होंने 40 मीटर थ्रो किया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा, नीरज बहुत ही फुर्तीला हैं उनके हाथ बहुत तेजी से चलते हैं तथा बहुत लचकदार भी हैं.

Neeraj Chopra Achievements

  • नीरज ने सबसे पहले साल 2012 में लखनऊ में हुई अंडर-16 नेशनल जूनियर चैंपियनशिप में 68.46 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता.
  • साल 2013 में नीरज नेशनल यूथ चैंपियनशिप में दूसरे स्थान पर रहे और IAAF वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में अपना स्थान पक्का किया.
  • साल 2015 में नीरज में इंटर-यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में 81.04 मीटर दूरी पर भाला फेंककर एज ग्रुप का रिकॉर्ड बनाया.
  • इसके बाद साल 2016 में नीरज में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में 86.48 मीटर भाला फेंककर विश्वरिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
  • साल 2016 में हुए दक्षिण एशियाई खेलों में नीरज ने 82.23 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम किया.