हरियाणा: बिजली निगम का आदेश ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए सूक्ष्म सिंचाई सिस्टम की आवश्यकता, जानिए नियम

हरियाणा ट्यूबवेल कनेक्शन| हरियाणा प्रदेश के बिजली निगम की तरफ से जारी सर्कुलर की माने तो उसके अनुसार जहां भूमि का जल स्तर 30 मीटर से नीचे है वहां ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की अत्यधिक आवश्यकता पड़ेगी.  दूसरी तरफ जहां भूमिगत जलस्तर यानी भूमि का जल स्तर 30 मीटर से ऊपर है, किसानों का अंडरग्राउंड पाइप लाइन बिछाने पड़ेगी. सिंचाई क्षेत्र में ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं देने की शर्त को बिजली निगम ने वापस ले लिया है, जो किसानों के लिए एक बड़ी राहत की बात है.

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पहले जो सर्कुलर जारी किया गया था उसमें कहा गया था कि कमांड एरिया यानी जो क्षेत्र सिंचाई का है, उसमें ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं दिया जाएगा. ज्यादातर एरिया सिंचाई क्षेत्र में ही आता है. ऐसे में अगर यह नियम लागू होते तो ट्यूबवेल के लिए आवेदन करने वाले अधिकतर किसानों शर्त पूरी नहीं कर पाते. बिजली निगम अधिकारियों ने भी इस संदर्भ में मुख्यालय से गाइडलाइन मांगी हुई है. 25 जून को जारी सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि कमांड एरिया की शर्त को वापस ले लिया गया है.

अलेवा में भूमिगत जल  स्तर 31.7 मीटर है:

आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि जींद जिले के अलेवा क्षेत्र में जल का स्तर 3.17 मीटर है. ऐसे में वहां के किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनानी होगी. काडा यानी कमांड एरिया विकास प्राधिकरण से इसका सर्टिफिकेट लेकर बिजली विभाग में जमा कराना होता है. जिससे किसानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं. अलेवा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के विधानसभा क्षेत्र उचाना में शामिल है. सरकार के इस फैसले से किसानों में रोष उत्पन्न हो रहा है. किसानों का कहना है कि नए नए नियम को थोप कर किसानों को हमेशा से परेशान किया जा रहा है. बिजली निगम सब डिवीजन नगूरा एसडीओ ने बताया कि जारी सर्कुलर के अनुसार ही किसानों को माइक्रो इरिगेशन काडा से अनुमति लेनी होगी.

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