हरियाणा: दो दशकों से दूध उत्पादन ढाई गुना बड़ा, पशुपालकों के लिए वरदान साबित हुई कृत्रिम गर्भधान तकनीक

पशुधन: कृत्रिम गर्भधान तकनीक पशुपालकों के लिए एक वरदान साबित हुई है. आपको बता दें कि यह सुविधा सरकार द्वारा गाय, भैंसों में दूध उत्पादन वृद्धि व नस्ल सुधार के लिए चलाई गई थी. इस बारे में जानकारी देते हुए पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ धर्मेंद्र कुमार ने कहा है कि लोग कृत्रिम गर्भधान सुविधा का लाभ जरूर लें. उन्होंने कहा कि इसका फायदा ही होगा क्योंकि प्रदेश में श्वेत क्रांति के चलते पिछले दो दशकों में दूध उत्पादन में ढाई गुना वृद्धि हुई है.

आपके जानकारी के लिए आपको बता दें कि उन्होंने कहा पशु हमारे देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था तथा कृषि का सबसे मुख्य और प्रथम आधार है. पशु से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करना उनकी नस्ल, जाति तथा मूल क्षमता पर निर्भर करता है. इसलिए हरियाणा प्रदेश में पशु विकास के लिए नस्ल सुधार का कार्य तेजी से किया जा रहा है. कृत्रिम गर्भधान तकनीक से दूध उत्पादन में हरियाणा प्रदेश लगातार समृद्धि कर रहा है. प्रदेश में श्वेत क्रांति के चलते पिछले दो दशकों में दूध उत्पादन में लगभग ढाई गुना वृद्धि हुई है. यही नहीं प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता को 2016-2017 में 930 ग्राम प्रति व्यक्ति थी, जो अब बढ़कर 1344 ग्राम प्रति व्यक्ति हो गई है. इसके पीछे हरियाणा सरकार की नस्ल सुधार योजना का सबसे बड़ा हाथ है.

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आपको बता दें कि इस स्कीम के अंतर्गत उत्तम नस्ल के सांडों का विर्य लेकर गाय और भैंसों को कृत्रिम विधि से गर्भवती किया जाता है. जिसके कारण नस्ल सुधार व अधिक दूध उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है. उन्होंने बताया कि कृत्रिम गर्भधान की सुविधा गांव में स्थित डिस्पेंसरी और घर पर जाकर भी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि पशुपालक इस तकनीक में अत्यधिक रूचि ले रहे हैं. यही कारण है कि गायों में लगभग 100 प्रतिशत और भैंसों में 50 से 60 प्रतिशत कृत्रिम गर्भधान तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है. इस आंकड़े को शत-प्रतिशत करना ही हमारा लक्ष्य है.

प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता में हरियाणा ने पंजाब को पछाड़ा:

डॉ धर्मेंद्र ने कहा है कि हमारे लिए अत्यधिक खुशी की बात है कि इस वर्ष प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता में हरियाणा प्रदेश ने पंजाब को पछाड़ते हुए देश में पहला स्थान हासिल कर लिया है. उन्होंने कहा कि कृत्रिम गर्भधान तकनीक में सबसे अच्छी नस्ल के सांडों का वीर्य इस्तेमाल किया जाता है. जिससे पशुओं में दूध उत्पादन पहले से कई गुना बेहतर मिलता है. किसान अधिक से अधिक इस तकनीक का लाभ उठाकर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पशु गर्भधारण की नई तकनीक सेक्स सोर्टिड सीमन भी अब हमारे पास उपलब्ध है. जिससे 100 प्रतिशत बछड़ी ही पैदा होंगी. प्रदेश में इसका सफल प्रयोग किया जा रहा है.

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