Mustard Oil : बढ़ती महंगाई के बीच राहत भरी खबर सामने आई है। रूस और यूक्रेन के बीच जहां जंग जारी है वहीं खाद्य तेलों के बढ़ते दाम आम लोगों को परेशान कर रहे हैं. हालांकि तिलहन अनाज की बाजारों में आवक तेज होने से खाद्य तेल की कीमतों में एक बार फिर गिरावट शुरू हो गई है.
माना जा रहा है कि आने वाले समय में खाद्य तेल की कीमत बेहद निचले स्तर पर जाएगी। आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गिरावट के रुख के बावजूद तिलहन बाजार में सरसों तेल-तिलहन बाजार में तेजी देखने को मिली. वहीं, वैश्विक बाजारों में कमजोरी के कारण पामोलिन और सोयाबीन तेल की कीमतों में गिरावट आई। बाजार सूत्रों के मुताबिक मलेशिया एक्सचेंज में करीब 3.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, शिकागो एक्सचेंज में करीब एक फीसदी की गिरावट आई।
बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- ( Mustard Oil )
सरसों तिलहन – 7,550-7,600 (42% कंडीशन प्राइस) रु।
मूंगफली – 6,550 रुपये – 6,645 रुपये।
मूंगफली तेल मिल डिलीवरी – 15,350 रुपये।
मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,540 – 2,730 रुपये प्रति टिन।
सरसों का तेल- 15,250 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों की पक्की – 2,410-2,485 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची – 2,460-2,560 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलीवरी – 17,000-18,500 रुपये।
सोयाबीन तेल मिल डिलीवरी – 16,200 रुपये।
सोयाबीन मिल डिलीवरी – 15,950 रुपये।
सोयाबीन तेल डीगम, – 14,750।
सीपीओ पूर्व- 14,200 रुपये।
बिनौला मिल डिलीवरी – 14,850 रुपये।
पामोलिन आरबीडी – रु 15,700
पामोलिन एक्स – 14,450 रुपये
सोयाबीन अनाज – 7,525-7,575 रुपये
सोयाबीन 7,225-7,325 रुपये गिरा।
मक्का खल 4,000 रुपये।
सूत्रों ने बताया कि विदेशी तेल खासकर कच्चे पाम तेल (सीपीओ) और पामोलिन तेल के दाम काफी महंगे हैं और खरीदार नहीं हैं। वर्तमान में इन तेलों की कमी सरसों से पूरी की जा रही है। पिछले वर्षों में किसानों को तिलहन की अच्छी कीमत मिलने के कारण इस बार सरसों के उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि हुई है। सरसों की खपत बढ़ रही है और मंडियों में करीब 10 लाख बोरी सरसों आ चुकी है। वहीं, आयातित तेलों की कीमत के कारण इसकी कमी को फिलहाल सरसों और मूंगफली के जरिए पूरा किया जा रहा है। सरसों पर अधिक दबाव है और अधिक उपज के कारण अधिकतर जगहों पर इसकी रिफाइनिंग की जा रही है। ( Mustard Oil )