रेवाड़ी| पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के नाम पर पिछले दो महीने से बिहार में तीन बार खाद का एक-एक कट्टा खरीदा गया है. खाद खरीदने का पहला मैसेज मिलते ही इस मामले को डीसी से अवगत करवाया गया था. परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई. फिर दोबारा मैसेज आने पर कृषि विभाग के अधिकारियों से शिकायत की तो बिहार में खाद खरीदने का पत्ता चला है. अपने नाम पर बिहार में हुई खाद की खरीद पर पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने बिहार की नितिश सरकार व स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर निशाना साधा है.
उन्होंने कहा कि बिहार की नितिश सरकार के राज में बिहार में आधार कार्ड पर खाद की सब्सिड़ी डकारने का खेल चल रहा है. अधिकारी जब पूर्व मंत्री की ही नहीं सुनते तो आम आदमी क्या उम्मीद कर सकता है. बताया जा रहा है कि अब तो अधिकारियों के मन से केेंदीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का खौफ भी खत्म हो गया है. यही कारण है कि उनके आदेश के बावजूद दो किलोमीटर सड़क की मरम्मत करने तो दूर अधिकारियों ने उसकी तरफ देखना भी उचित नहीं समझा है.
कब, कैसे, क्या हुआ?
पूर्व मंत्री ने बताया कि खाद खरीदने व सब्सिडी मिलने का पहला मैसेज मिलने के बाद पूरे मामले को डीसी से अवगत कराया था. 18 जून को फिर दोबारा से खाद खरीदने व सब्सिडी का मैसेज मिला. उपमंडल अभियंता कृषि दीपक यादव को इसकी जानकारी दी गई तो बिहार में खाद खरीदने का पत्ता चला. आपको बता दें कि 24 जून को इसकी लिखित शिकायत एसपी को दी गई है.