जब से अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार बनी है, तब से यह आशंका जताई जा रही है कि अब चीन भी अफगानिस्तान पर कब्जा जमाएगा।अब चीन ने अपना असली रूप दिखाया। असल में, चीन ने अफगानिस्तान से कुछ चीजों को लेकर मांग की है।
तालिबान असमंजस में
चीन की इस मांग ने तालिबान को असमंजस में डाल दिया है। अगर तालिबान इस बात को मान लेता है, तो उसे एक बड़े आर्थिक नुकसान से गुजरना पड़ेगा। अगर नहीं मानता तो चीन तालिबान की मदद नहीं करेगा।
क्या है चीन की मांग
बता दें कि चीन ने तालिबान से कहा है कि उसे वहां के राजमार्ग और हवाई अड्डे सौंप दिए जाएं। ताकि वह इनकी देखरेख अच्छे से के सके। हो सकता है कि तालिबान सरकार को यह सही लगे, लेकिन तालिबान भी चीन से अच्छी तरह वाकिफ है।
चीन है एक चालाक देश
ये बात तो सब जानते ही हैं कि चीन एक बहुत ही चालाक देश है। चीन अच्छी तरह से जानता है कि किस देश की नब्ज को कब दबाना है।इसके लिए वह देश की आर्थिक मदद करने से भी नहीं चूकता।
तालिबान को जल्द लेना पड़ेगा फैसला
तालिबान ने हाल ही में पाकिस्तान चीन ईरान आदि देशों को खाने पर बुलाया था। ताकि बाकी देशों से उनके सम्बन्ध अच्छे बन सके। तथा सभी देश उन्हें एक सरकार के रूप में स्वीकार कर सके। लेकिन यह बात तालिबान को महंगी पड़ गई, जब चीन ने ये प्रस्ताव रखा। हालांकि तालिबान ने अभी इसका उतर नहीं दिया, लेकिन एक ना एक दिन उन्हें उत्तर तो देना ही पड़ेगा।