आज के समय में डिजिटल ई मनी ट्रांसफर का चलन काफी तेज हो रहा है. आए दिन साइबर ठगी के मामले सामने आते हैं. हाल ही में आय दिन साइबर ठगी के मामलों के बाद लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं कि वह अपने बैंक खातों में रुपए रखकर निश्चिंत हो सकते हैं कि नहीं. इसी समस्या को देखते हुए पुलिस विभाग ने इन ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है. इसके लिए लोगों को उन हेल्पलाइन नंबरों के बारे में जानना आवश्यक है. जिस पर शिकायत दर्ज करवाने पर खाते या वॉलेट से निकाली गई रकम खाते में वापस आ सके. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहल पर एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है जो कि है 155260
हेल्पलाइन नंबर ऐसे करेगा काम:
आपको बता दें कि सफीदों के एएसपी श्री नीतीश कुमार ने बताया है कि यदि कोई ऑनलाइन ठगी का शिकार हुआ है या उसके खाते या ई-वॉलेट से पैसा ट्रांसफर कर लिया गया है. तो उसे सबसे पहले 155260 पर डायल करना होगा. इस हेल्पलाइन नंबर पर पीड़ित को अपनी जानकारी देनी होगी. इसके बाद एक अलर्ट संबंधित बैंक के पास अपने आप चला जाएगा जिस बैंक के खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया है और जिस बैंक के खाते में से पैसा लिया गया है, दोनों को अलर्ट मिल जाएगा. यह अलर्ट मिलते ही बैंक पैसे की निकासी पर रोक लगा देंगे व रकम खाते में वापस लौटा दी जाएगी. इसके तहत सभी बैंक यूपीआई वॉयलेट जैसी ऑनलाइन पेमेंट से जुड़ी संस्थाएं एक ही मंच पर है और यह पोर्टल पूरे देश के लिए बना है.
रुपए निकाले जाने पर तुरंत 155260 पर कॉल करें
पुलिस अध्यक्ष श्री वसीम अकरम ने बताया है कि आज के समय में साइबर क्राइम ऑनलाइन फ्रॉड जैसी घटनाएं अत्यधिक बढ़ गई हैं. व्यक्ति स्वयं मेहनत ना करके ऐसे हथकंडे अपना रहा है. आपको आए दिन सुनने को मिलता होगा कि साइबर क्रिमिनल ने लोगों की मेहनत की कमाई पर डाका डाला, निजी डेटा चोरी करना और कार्ड आदि से पैसे भी निकाले जाते हैं. यदि आपके खाते से भी किसी जालसाज ने इसी तरीके से पैसे निकाल लिए हैं तो आपको घबराना नहीं है. आपको सीधा 155260 पर कॉल करें. संभव है कि जालसाज तक रकम पहुंचने से पहले ही इस ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दी जाए. साथ ही संबंधित थानों में भी शिकायत दें व जींद साइबर अपराध शाखा के संपर्क नंबर 88140 11545 पर भी शिकायत करें कि आपके साथ ठगी हुई है. ताकि इन जालसाज को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके. सभी नागरिकों के लिए जरूरी है कि वे किसी प्रकार के लालच में ना आए, किसी को भी अपना ओटीपी या अन्य कोई लिंक शेयर ना करें.