हरियाणा में बिजली संकट ने उद्योगों का किया बुरा हाल, देखिए जिलेवार सूची

बिजली संकट | हरियाणा में बिजली कट की समस्या ने सबको परेशान करके रख दिया है। इस सबसे उद्योगों पर भी असर पड़ा है। फैक्‍टरियों में नाइट शिफ्ट का ‘स्विच आफ’ हो गया है और तीन शिफ्टों में चलने वाली फैक्टरियां सिर्फ दो शिफ्ट में उत्पादन कर रही हैं।

टेक्सटाइल सिटी पानीपत में एक शिफ्ट में काम पूरी तरह से बंद हो गया है। 15 लाख मीटर कपड़ा उत्पादन ठप है। करीब 30 हजार लोगों का रोजगार छिन गया है। कामगार भी अपने घर की ओर जाने लगे हैं। दरअसल, पांच सौ किलोवाट का जनरेटर चलाने पर एक रात में एक लाख रुपये का डीजल खर्च हो जाता है।

वहीं, बिजली से सिर्फ 20 हजार रुपये का खर्च आता है। यानी, सीधे-सीधे 80 हजार का खर्च बढ़ गया है। इसलिए फैक्टि्रयां बंद होने लगी हैं। पोलर के 50 प्लांट बंद हैं। मिंक के 125 प्लांट बंद हैं। थ्रीडी बेडशीट की 125 फैक्टि्रयां बंद हैं। इसी तरह पर्दा, सोफा कवर की फैक्टरियां भी नहीं चल रहीं। 300 डाई हाउस में 12 लाख किलो धागा डाई नहीं हो रहा।

इसके साथ बाकी जिलों का भी यही हाल है।

अंबाला : मिक्सी उद्योग से जुड़े पांच हजार लोगों का काम ठप

अंबाला में छोटी बड़ी करीब 40-45 साइंस इंडस्ट्री हैं जबकि इसे ज्यादा लोग अपने घरों में मिक्सी के कलपुर्जे तैयार करते हैं। मिक्सी उद्योग करीब 5 हजार लोगों को रोजगार दे रहा है। बिजली आपूर्ति नहीं होने से इन सभी के सामने संकट पैदा हो गया है। क्योंकि, मोल्डिंग और डाइकास्टिंग के काम के लिए लगातार 12 घंटे बिजली आपूर्ति जरूरी है।

एक घंटा का भी बीच में कट लग गया तो पूरी प्रक्रिया फिर से करनी पड़ती है।

बहादुरगढ़ : आठ हजार उद्योगों में 70 प्रतिशत उत्पादन गिरा, जूता उद्योग को राेज 150 करोड़ का नुकसान

बहादुरगढ़ के उद्योगों में उत्पादन ठप होने की कगार पर है। आठ घंटे के कट से रात में उत्पादन बंद हो चुका है। दिन में भी बिजली कटौती हो रही है। इससे यहां के आठ हजार उद्योगों में 70 प्रतिशत तक उत्पादन कम हो चुका है। जूता उद्योग को रोजाना लगभग 150 करोड़ का नुकसान हो रहा है।

रात में आठ से सुबह चार बजे तक बिजली कट की वजह से कच्चा माल तैयार नहीं हो रहा।

गुरुग्राम : आटोमोबाइल व गारमेंट हब में 25 प्रतिशत तक उत्पादन प्रभावित

गुरुगाम में लगभग 22 दिन से औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली का संकट जारी है। 20 से 25 प्रतिशत औद्योगिक उत्पादन प्रभावित है। पूरी रात बिजली न रहने से रात की शिफ्ट में काम करना असंभव सा हो गया है। दिन में अनगिनत अघोषित पावर कट का सिलसिला चल रहा है।

सोनीपत : कंपनियों में 40 प्रतिशत उत्पादन गिरा

सोनीपत के बड़ी, राई, कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में बिजली कटौती के कारण उत्पादन में करीब 40 प्रतिशत की कमी आई है। सबसे बड़ा नुकसान कटों का कोई शेड्यूल नहीं होने से हो रहा है। सरकार ने आठ घंटे कट की घोषणा कर रखी है। इसके लिए शेड्यूल भी जारी किया गया है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। शेड्यूल नहीं होने से कामगार तीनों शिफ्टों में आ रहे हैं।

फरीदाबाद : 25 हजार फैक्टरियों को रोज हो रहा करोड़ों का घाटा

औद्योगिक नगरी में बिजली कटौती की वजह से 40 प्रतिशत तक उत्पादन घट गया है। जिले 25 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयों में रोजाना करोड़ों रुपये का घाटा हो रहा है। रात को उद्योग बंद रखने पड़ रहे हैं। दिन में हो रही बिजली सप्लाई में कई बार कट लग रहे हैं। इससे माल खराब हो रहा है। रबड़ और प्लास्टिक के उद्योग में तो बिजली कट अभिशाप बन गया है।

बाकी जिलों का हाल भी यही है।