Ambassador Car Price | एंबेसडर कार भारत की सबसे पुरानी कारों में से एक बेशुमार कार है जिसने अपने समय में खूब पैसे कमाए हैं. और लोगों की सबसे पहली पसंद भी यही थी जिस समय यह कार बनकर तैयार हुई थी उस समय इसकी जैसी कार कोई नहीं थी.
हिंदुस्तान मोटर्स ने इसमें एक से एक नए-नए फिचर ऐड किए थे जिस समय यह कार सब को अपनी ओर आकर्षित करती थी और सब के दिलों पर राज करती थी. सब लोगों की पसंद हिंदुस्तान मोटर्स थी. पूरे हिंदुस्तान में यह कार सबसे ज्यादा चलती थी और उस समय में सब लोग इसी कार को खरीदने की चाहत रखते थे.
Table of Contents
Ambassador Car Price
- क्लासिक 1800 isz सीएनजी – Rs 4.21 लाख
- क्लासिक 1800 isz mpfi – 4.37 लाख
- क्लासिक 1800 isz mpfi पीएस – 4.51 लाख
- क्लासिक 1800 isz mpfi पीएस – 4.51 लाख
- क्लासिक 2000 dsz – 4.54 लाख
- क्लासिक 1800 isz एसी सीएनजी – 4.58 लाख
- क्लासिक 1800 isz mpfi एसी – 4.59 लाख
- क्लासिक 1800 isz mpfi एसी पीएस – 4.69 लाख
- क्लासिक 2000 dsz एसी – 4.74 लाख
- ग्रैंड 1800 isz mpfi – 4.77 लाख
- ग्रैंड 1800 isz सीएनजी – 4.89 लाख
- क्लासिक 2000 dsz एसी पीएस – 4.99 लाख
- ग्रैंड 1800 isz mpfi pw cl – 5.08 लाख
- ग्रैंड 1800 isz mpfi pw cl cng – 5.21 लाख
- एविगो 1800 isz mpfi – 5.42 लाख
- एविगो 2000 dsz – 5.91 लाख
- ग्रैंड 2000 dsz pw cl – 6.40 लाख
हिंदुस्तान मोटर्स एम्बेसडर कार माइलेज
1995 cc
- मैनुअल 14 किमी प्रति लीटर
पेट्रोल
1817 cc
- मैनुअल 10 किमी प्रति लीटर
सीएनजी
1817 cc
- मैनुअल 9.4 किमी/किलोग्राम
एंबेसडर कार (Ambassador Car) एक समय नौकरशाहों और नेताओं की पसंदीदा सवारी रही है. हालांकि इस कार को आम आदमी ने भी खूब पसंद किया था. सही मायने में अगर देखा जाए तो मेक इन इंडिया की शुरुआत एंबेसडर कार से माना जा सकता है. बता दें कि हिंदुस्तान मोटर्स (Hindustan Motors) ने 1958 में एंबेसडर कार को निकाला था. शुरुआत में एंबेसडर कार की कीमत 14 हजार रुपये थी.
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2014 में एंबेसडर की कीमत बढ़कर 5.22 लाख रुपये हो गई है. आज भी सड़कों पर बड़ी शान के साथ यह कार दिखाई पड़ जाती है. बता दें कि एंबेसडर की पहले जेनरेशन कार में 1,489 cc डीजल इंजन लगा हुआ था. एंबेसडर कार काफी मजबूत थी और यह काफी वजन भी सह सकती थी. यही नहीं भारतीय सड़कों पर गड्ढों पर भी फर्राटे से घूमती थी और साथ ही इस कार के ऊपर ज्यादा खर्च भी नहीं था.
Ambassador car Price New Model
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1958 से एंबेसडर के 7 जेनरेशन मार्केट में लॉन्च हो चुके हैं. जानकारी के मुताबिक एंबेसडर का पहला जेनरेशन Mark 1 और आखिरी जेनरेशन इनकोर था. बता दें कि एंबेसडर इनकोर BS-IV इमिशन स्टैंडर्ड को पूरा करने के लिए आखिरी मॉडल थी. आज के समय में भले ही मौजूदा कार बनाने वाली कंपनियों के मुकाबले एंबेसडर की पकड़ बाजार पर ढीली हो चुकी है लेकिन एक दौर यह भी था जब इसने दशकों तक देश की सड़कों पर राज किया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2013 में ग्लोबल आटोमोटिव प्रोग्राम टॉप गियर में एंबेसडर को बेहतरीन कार के रूप में माना गया था. भारतीय बाजार में मारूति सुजूकी के आने से पहले हिंदुस्तान मोटर्स ही देश की टॉप ऑटो कंपनी के तौर पर मानी जाती थी.
एंबेसडर को 1960 और 1970 के दशक में एक स्टेट्स सिंबल के रूप में देखा जाता था. मजबूत बनावट और कंफर्टेबल राइड के लिए एंबेसडर को भारतीय सड़कों का राजा भी कहा जाता था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2014 में उत्पादन बंद होने से पहले हिंदुस्तान मोटर्स की एंबेसडर की कुल यूनिट्स में से 16 फीसदी यूनिट भारत सरकार ने खरीद ली थी.
Ambassador Car Price Vs Luxury Car Price
समय के साथ दुनिया काफी बदल गई है. बदलना स्वभाविक भी है. दुनियाभर में आज की तारीख में एक पर एक लग्जरी गाड़ियां हैं.लोअर बजट, मिड बजट गाड़ियां अलग से. सड़क पर गाड़ियों के बूते अमीरी और गरीबी का फर्क भी साफ दिखता है. लेकिन इसी देश की धड़कन एक ऐसी कार भी थी, जिस पर पास के नुक्कड़ पर छोटी सी दुकान चलाने वाले शर्मा जी भी बैठते थे और वही कार देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति की भी सवारी हुआ करती थी.
अंबेसडर कार शाही सवारी की निशानी थी. कभी यह गाड़ी राजनेताओं से लेकर आम आदमी हर किसी की पसंद हुआ करती थी. हिंदुस्तान मोटर्स ने 2014 के करीब इस गाड़ी का प्रोडक्शन बंद कर दिया था.जबकि 2017 में सीए बिरला ग्रुप ने अंबेसडर ब्रांड को फ्रांस की कारमेकर कंपनी प्यूजो के हाथ बेच दिया.यह 80 करोड़ रुपये की डील थी.
अंबेसडर कार की लोकप्रियता
एक दौर था, जब सड़क पर सफेद अंबेसडर कार ही दिखती थीं. कुछ काली रंग की भी दिखती थीं, जो अधिकतर सेना के अधिकारियों की होती थीं. टैक्सी में भी अंबेसडर गाड़ी ही चलती थी और पुलिस महकमे से लेकर नेताओं-मंत्रियों की सवारी भी यही थी, जिस पर लाल बत्ती, पीली बत्ती चमचमाती रहती थी.
इंदिरा गांधी से लेकर इंद्र कुमार गुजराल और पीवी नरसिम्हा राव से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक सभी अपने प्रधानमंत्री काल में इसी अंबेसडर कार से हर रास्ता नापते थे. हालांकि, वाजपेयी सरकार के दौर में ही अंबेसडर कार की जगह बीएमडब्ल्यू 7 को चुन लिया गया और तब से यही गाड़ी 7-लोक कल्याण मार्ग के गराज में सजती है.