Aaj Ka Panchang 06 जनवरी 2022: दिन के शुभ मुहूर्त के साथ राहुकाल का समय

आज का पंचांग 05 जनवरी 2022 | दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रहों की स्थिति, हिंदू माह और पक्ष आदि की जानकारी दी जाती है.

आज का पंचांग: हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। समय और समय की सटीक गणना पंचांग के माध्यम से की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां हम आपको दैनिक पंचांग में शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्रमा ग्रहों की स्थिति, हिंदू माह और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं। आइए जानते हैं आज का राहुकाल का शुभ मुहूर्त और समय।

पंचांग के पांच अंग तिथि

हिंदू काल के अनुसार, चंद्रमा को सूर्य रेखा से 12 डिग्री ऊपर जाने में लगने वाले समय को तिथि कहा जाता है। एक महीने में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहा जाता है। तिथियों के नाम – प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।

नक्षत्र: आकाश में एक नक्षत्र को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र हैं और इन नक्षत्रों के स्वामी नौ ग्रह हैं। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृतिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, अश्लेषा नक्षत्र, माघ नक्षत्र, पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, हस्त नक्षत्र , विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठ नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घेटना नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वभाद्रपद नक्षत्र, उत्तरभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।

वार: वार का अर्थ है दिन। एक सप्ताह में सात युद्ध होते हैं। इन सात ग्रहों के नाम ग्रहों के नाम पर रखे गए हैं- सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।

योग : नक्षत्रों की भाँति 27 प्रकार के योग होते हैं। सूर्य और चंद्रमा की विशेष दूरियों की स्थिति योग कहलाती है। दूरियों के आधार पर बने 27 योगों के नाम – विशकुंभ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगुंड, सुकर्मा, धृति, शूल, गंड, वृधि, ध्रुव, व्याघाट, हर्षना, वज्र, सिद्धि, व्यतिपत, वरियाण, परिघ , शिव सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्मा, इंद्र और वैधृति।

करण: एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तारीख के पहले भाग में और एक तारीख के आखिरी भाग में। 11 ऐसे करण हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं- बाव, बलव, कौलव, तैतिल, गर, वनिज, विष्टी, शकुनि, चतुर्पाद, नाग और किष्ठुघ्न। विशिष्ट करण को भद्रा कहा जाता है और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।

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